दीपों की सदभुज श्रृंखला में आपके जीवन में खुशियों के उजाले फैले सुख, शांति और समृद्धि की ये Diwali आप और आपके परिवार जनों के लिए मंगलमय हो। आइए मिलकर इस पावन पर्व को मनाएं और चारों ओर खुशियों की रौशनी फैलाएं। आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
Diwali 2024 का ये पवित्र त्यौहार पांच दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत होती है धनतेरस के त्यौहार से। Diwali पर देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। लोग अपने अपने घरों की साफ सफाई करते है फिर दिवाली के दिन।
घर की रंगोली दिए फूलमाला और रंग बिरंगी लाइटों से खास सजावट करते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार Diwali 2024 की रात देवी लक्ष्मी वैकुंठ लोक से धरती पर आती है और उन घरों में निवास करती है जो साफ सुथरे और सजे धजे होते है। इस बार।
साल 2024 में दीपावली की तिथि को लेकर थोड़ा असमंजस है। दरअसल इस बार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 2 दिन पड़ रही है, जिसके चलते कुछ लोग 31 अक्टूबर तो कुछ लोग 1 नवंबर को दीपावली मनाने की बात कह रहे हैं।
आइए आपको बताते है कि ज्योतिष और वैदिक पूजा के विद्वान दीपावली के तिथि को लेकर क्या सलाह देते है शास्त्र के अनुसार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाई जाती है। लेकिन इस बार अमावस्या तिथि 31 ऑक्टोबर और 1 नवंबर दोनों दिन पड़ने के कारण असमंजस की स्थिति है।
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर गुरुवार को दोपहर 3:54 से शुरू होगी और 1 नवंबर शुक्रवार की शाम 6:16 तक रहेंगी। इसके बाद से प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। वैदिक कैलेंडर के अनुसार दीपावली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा
अमावस्या तिथि और प्रदेश काल में यानी सूर्यास्त से लेकर देर रात तक की जाती है। ऐसे में उद्य तिथि के अनुसार तो 1 नवंबर शुक्रवार को दीपावली का पर्व मनाना ज्यादा सही रहेगा, लेकिन कुछ लोग 31 अक्टूबर गुरुवार के दिन भी दीपावली का त्यौहार मनाएंगे जो की गलत नहीं है।
आपके क्षेत्र में जीस दिन भी Diwali का त्यौहार मनाया जा रहा हो आप उस दिन दिवाली का त्यौहार मना सकते हैं लेकिन उद्या तिथि के अनुसार 1 नवंबर, शुक्रवार को ही Diwali 2024 मनाना ज्यादा सही रहेगा। 1 नवंबर शुक्रवार को Diwali 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। शाम 5:36 से रात 8:11 तक।
और काली पूजा का जो मुहूर्त है वो रात 11:39 से 12:31 तक रहेगा। काली पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर, गुरुवार को भी रात 11:39 से 12:31 तक रहेगा तो जो लोग रात के समय काली पूजा करते हैं।
वो इस शुभ मुहूर्त में माँ काली की पूजा कर सकते हैं क्योंकि इस बार अमावस्या तिथि का जो व्रत या स्नान दान है वो भी 1 नवंबर शुक्रवार को किया जाएगा। उद्या तिथि है शुक्रवार को और इस दिन प्रतियोग सुबह 10:40 तक रहेगा। बाद में आयुष्मान योग प्रारंभ हो जाएगा, जो कि दोनों ही बहुत शुभ मुहूर्त हैं।
और काली पूजा का जो मुहूर्त है वो रात 11:39 से 12:31 तक रहेगा। काली पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर, गुरुवार को भी रात 11:39 से 12:31 तक रहेगा तो जो लोग रात के समय काली पूजा करते हैं।
और जो लोग भी 31 अक्टूबर गुरुवार को Diwali 2024 मनाने वाले हैं, उनके लिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा। शाम 6:27 से रात 8:32 तक निशीताकाल मुहूर्त रहेगा। रात 11:39 से देर रात 12:31 तक।
प्रदोषकाल शाम 5:35 से 8:11 तक और वृषभ कॉल शाम 6:21 से 8:17 तक Diwali 2024 विसर्जन का शुभ मुहूर्त रहेगा। 2 नवंबर शनिवार को सुबह 3:05 से 4:25 के बीच में।
एक बार फिर से आपको याद दिला दे। इस बार अमावस्या का व्रत और स्नान दान 1 नवंबर शुक्रवार को ही किया जाएगा, क्योंकि इस दिन तिथि है। Diwali की साफ सफाई तो बहुत दिन पहले से ही शुरू हो जाती है, लेकिन Diwali के दिन खास तौर पर घर की अच्छे से साफ सफाई करके और घर के मुख्य द्वार पर साफ सफाई करके
धूप, दीप, अगरबत्ती, फल, जलसिभरा कलश, नारियल, पान के पत्ते, सुपारी, चावल यानी अक्षत, कुमकुम, हल्दी, कलावा और गंगाजल रखें। पूजा के लिए घी और तेल के दीपक जलाये और थाली में पूजा की सामग्री सजाएं। सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा करें।
उन्हें अक्षत, पुष्प, कुमकुम अर्पित करें और ओम गंग गणपति रम मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश जी से सभी विघ्नों के नाश की प्रार्थना करें। अब माँ लक्ष्मी जी का आह्वान करें, उनके चरणों में अक्षत, पुष्प और कुमकुम अर्पित करें। माँ लक्ष्मी जी के मंत्र का जाप करें। मंत्र है ओम श्री महालक्ष्मी नमा।
और फिर चांदी का सोने का सिक्का अगर हो तो उसका पूजन करें नहीं तो सोने चांदी के।